प्राचीन समय से ब्राह्मणों का निर्धारण माता पिता की जाति के आधार पर होने लगा है, लेकिन स्कंदपुराण के अनुसार ‘ब्राह्मण’ जाति नहीं है। स्कंद पुराण में आध्यात्मिक दृष्टि से बताया गया है कि जो व्यक्ति ब्राह्मण कुल में जन्म लेने के पश्चात भी ब्राह्मण वाले कर्मकांड ना करें या फिर मदिरा एवं मांस का सेवन करें तो वह व्यक्ति एक शूद्र के समान है, ऐसे व्यक्ति को ब्राह्मण का दर्जा देने का कोई अधिकार नहीं है।
ब्राह्मण का व्यवहार एवं दिनचर्या
ब्राह्मण समाज के लोगों की जो पारंपरिक दिनचर्या और व्यवहारिक स्थिति थी, वह अपने आप में एक आदर्श दिनचर्या थी। लेकिन वर्तमान समय में पारंपरिक दिनचर्या में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। पारंपरिक दिनचर्या के अनुसार हिंदू ब्राह्मण अपनी धारणा और धर्म आचरण को महत्व देते थे, यह दिनचर्या कुछ इस प्रकार थीं – “सुबह जल्दी उठकर स्नान करना, संध्या वंदना करना, व्रत एवं उपासना करना आदि।
व्यवहारिक दृष्टि से ब्राह्मण काफी सरल होते हैं, वे मांस शराब आदि का सेवन एवं धर्म के विरुद्ध हो वह काम नहीं करते हैं। ब्राह्मण स्वाभाविक रूप से सकारात्मक होते हैं और वे दूसरों के सुखी और संपन्न होने की कामना करते हैं। सामान्यतः ब्राह्मण केवल शाकाहारी होते हैं लेकिन वर्तमान समय में ब्राह्मण जाति के लोगों में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है जो समय के साथ जारी हैं।
ब्राह्मणों की वर्तमान स्थिति
ब्राह्मण जाति के लोग मुख्यत उत्तर और मध्य भारत के ज्यादातर पठार इलाकों में पाए जाते हैं, इसके अलावा ब्राह्मणों की कुछ संख्या पूरे भारत में पाई जाती है। ब्राह्मणों की वर्तमान स्थिति बेहतर है, इस जाति के लोग अपनी जीविका चलाने के लिए व्यवसाय, नौकरी, खेती, ज्योतिष शास्त्र आदि पर निर्भर होते हैं। इसके अलावा ब्राह्मण जाति से कई बड़ी हस्तियां हैं जो बॉलीवुड, क्रिकेट अन्य क्रिएटिव फील्ड एवं खेल जगत आदि में आसीन है।
ब्राह्मणों की उपजातियाँ
ब्राह्मणों को सम्पूर्ण भारतवर्ष में विभिन्न उपनामों से जाना जाता है, जैसे पूर्वी उत्तर प्रदेश में शुक्ल,त्रिवेदी, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तरांचल, दिल्ली, हरियाणा व राजस्थान के कुछ भागों में खाण्डल विप्र, ऋषीश्वर (GOUR),वशिष्ठ, कौशिक, भारद्वाज ,सनाढ्य ब्राह्मण, राय ब्राह्मण त्यागी अवध (मध्य उत्तर प्रदेश) तथा मध्यप्रदेश के बुन्देलखंड से निकले जिझौतिया ब्राह्मण,रम पाल मध्य प्रदेश में कहीं कहीं वैष्णव (बैरागी)(, बाजपेयी, बिहार व बंगाल में भूमिहार, जम्मू कश्मीर, पंजाब व हरियाणा के कुछ भागों में महियाल, मध्य प्रदेश व राजस्थान में गालव, गुजरात में श्रीखण्ड,भातखण्डे अनाविल, महाराष्ट्र के महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण, मुख्य रूप से देशस्थ, कोंकणस्थ , दैवदन्या, देवरुखे और करहाड़े है. ब्राह्मणमें चितपावन एवं कार्वे, कर्नाटक में अयंगर एवं हेगडे, केरल में नम्बूदरीपाद, तमिलनाडु में अयंगर एवं अय्यर, आंध्र प्रदेश में नियोगी एवं राव, उड़ीसा में दास एवं मिश्र आदि, बिहार में मैथिल ब्राह्मण आदि तथा राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, बिहार में शाकद्वीपीय (मग)कहीं उत्तर प्रदेश में जोशी जाति भी पायी जाती है।
dsds
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